रायपुर ।छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर 237 उम्मीदवारों में से 179 उम्मीदवार ‘नोटा’ यानी ‘इनमें से कोई नहीं’ से ही हार गए। चुनाव लड़ रहे 43 प्रत्याशी ही ‘नोटा’ से ज्यादा वोट ला सके। जबकि 194 प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए। दिलचस्प बात ये है कि इनमें सबसे ज्यादा उम्मीदवार बहुजन समाज पार्टी के हैं।
जानकारी के अनुसार, जब भी कोई चुनाव होते हैं तो उसके लिए जमानत राशि तय की जाती है। लोकसभा इलेक्शन लड़ने के लिए 25 हजार रुपए जमा किए गए थे। यह राशि तभी लौटती है, जब कोई प्रत्याशी कुल पड़े वोटों का 1.66 प्रतिशत हासिल कर लेता है। इतने वोट मिलने पर प्रत्याशी की जमानत राशि वापस मिल जाती है।
प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों में कुल 1 करोड़ 50 लाख 23 लाख 639 मतदाताओं ने मतदान किया है। इसमें से बीजेपी को 79 लाख 9 हजार 797 वोट, कांग्रेस को 61 लाख 68 हजार 408, अदर्स को 5 लाख 99 हजार 244, बीएसपी को 1 लाख 74 हजार 910, नोटा को 1 लाख 35 हजार 430,सीपीआई को 35 हजार 850 वोट मिला है।
छत्तीसगढ़ में में ‘नोटा’ को कुल 1 लाख 35 हजार 430 वोट मिले हैं। इस हिसाब से वह चौथे नंबर पर रहा है। मतदाताओं से मत लेने के मामले में छत्तीसगढ़ में पहले नंबर पर बीजेपी, दूसरे नंबर पर कांग्रेस, तीसरे नंबर पर बीएसपी है।
सबसे बड़ी जीत भाजपा को रायपुर में मिली है। भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय को 5 लाख 75 हजार 285 वोटों के अंतर से हराया है। जीत का यह अंतर कांग्रेस प्रत्याशी को मिले कुल वोटों (475066) से भी ज्यादा है। सबसे कम मार्जिन से कांकेर लोकसभा सीट पर भाजपा के भोजराज नाग जीते हैं।
उन्होंने कांग्रेस के बिरेश ठाकुर को करीबी मुकाबले में 1884 वोटों से हराया है। भाजपा का वोट शेयर छत्तीसगढ़ में हर सीट पर हर बार करीब 1 प्रतिशत तक बढ़ा है। सबसे ज्यादा अंतर रायपुर में आया है। इस बार 66.19% वोट भाजपा को मिले हैं।
Editor – Niraj Jaiswal
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