बलरामपुर :बजरंग दल नेता सुजीत स्वर्णकार और युवती की मौत करंट से हुई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस खुलासे के बाद पुलिस जांच की दिशा बदल गई है। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या दोनों को साजिश के तहत करंट लगाकर मारा गया है या जानवरों के शिकार के लिए लगाए गए करंट की चपेट में वे आ गए।
दरअसल, जिला मुख्यालय से लगे डुमरखी के जंगल में 27 मई सोमवार सुबह बजरंग दल के जिला सह संयोजक सुजीत स्वर्णकार (25 वर्ष) और किरण काशी (22 वर्ष) का शव मिला था। घटनास्थल पर उनकी स्कूटी और मोबाइल भी मिले थे। शुरुआती जांच में हाथ-पैर के साथ कमर में निशान के कारण सुजीत की पीट-पीटकर हत्या की आशंका जताई गई थी।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद बदली जांच की दिशा
दोनों के शवों में जलने के निशान मिले थे, जिसके कारण यह अंदेशा जताया गया था कि हत्या के बाद शवों को जलाने की कोशिश की गई है। फॉरेंसिक जांच के बाद पीएम रिपोर्ट में पता चला है कि जलने के निशान करंट लगने के कारण बने थे। दोनों की मौत करंट लगने से हुई है। युवती ने जो मोटा डंडा हाथ में पकड़ा था, वहां उसका हाथ जल गया था।
जहां मिले शव, वहां करंट फैलाने के निशान नहीं
सुजीत स्वर्णकार और किरण काशी के शव जहां मिले हैं, वहां करंट प्रवाहित करने के निशान नहीं मिले हैं। करंट जानवरों के शिकार के लिए फैलाया गया था या उनकी सुनियोजित हत्या के लिए, पुलिस इसकी छानबीन में लगी है। बलरामपुर जिले में इससे पहले भी शिकार के लिए फैलाए करंट की चपेट में आने से लोगों और हाथियों की जान जा चुकी है।
Editor – Niraj Jaiswal
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