बिलासपुर । हाईकोर्ट ने कवर्धा के पंडरिया विकासखंड में हुए दर्दनाक सड़क हादसे में 19 आदिवासियों की मौत के मामले को स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने इसे जनहित याचिका मान राज्य सरकार के जिम्मेदारों से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 24 मई को होगी।
आपको बता दें कि कवर्धा जिले के पंडरिया विकासखंड में कुकदूर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत खाम्ही के आश्रित गांव सेमरहा से 35 से 40 महिला पुरुष तेंदूपत्ता तोड़ने सोमवार की सुबह रुख्मीदादर के जंगल गए थे। तेंदूपत्ता तोड़ने के बाद सभी दोपहर को पिकअप क्रमांक सीजी 09 जेडी 5670 से अपने गांव सेमरहा लौट रहे थे। गांव से करीबन बीस किलोमीटर पहले नेउर– बाहपानी मार्ग पर बंजारी घाट में घुमावदार मोड़ पर ब्रेक फेल होने से पिकअप अनियंत्रित होकर पत्थर से टकराते हुए खाई में जा गिरी। इस घटना में 15 महिलाओं, तीन नाबालिक लड़कियों व एक पुरुष की मौत गई। जबकि दस लोग घायल है। सभी मृतक आदिवासी बैगा समुदाय से ताल्लुकात रखते थे। इस संरक्षित समुदाय को राष्ट्रपति ने गोद लिया है।
हादसे को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,गृह मंत्री अमित शाह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा व अरुण साव ने संवेदनाएं व्यक्त की। मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख व घायलों के लिए 50 हजार मुआवजे की घोषणा राज्य सरकार ने की।
इस भयानक हादसे की मीडिया में प्रकाशित खबरों को हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका मान सुनवाई शुरू की है। हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने इसके लिए राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव, परिवहन आयुक्त, स्टेट हाईवे और नेशनल हाइवे, कवर्धा कलेक्टर सहित दस लोगों को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 24 मई को होगी।
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