विश्व दूरसंचार दिवस विशेष: दो वर्ष में छत्‍तीसगढ़ के 525 गांवों में पहुंचा 4जी मोबाइल नेटवर्क, इन जिलों में 5जी ने पसारा पैर

रायपुर: छत्‍तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब 4जी नेटवर्क की धमक देखी जा रही है। केंद्र सरकार की योजना के तहत प्रदेश के 18 जिलों के करीब 525 गांवों में दो वर्ष के भीतर 4जी नेटवर्क की स्थापना की जा चुकी है। केंद्र सरकार की एलडब्ल्यूई योजना के तहत शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट में 841 करोड़ रुपये की लागत से 971 गांवों में मोबाइल टावर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।


दूरसंचार विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी अब मोबाइल नेटवर्क और तकनीक की पहुंच बढ़ती जा रही है।

बस्तर से लेकर सुकमा में 4जी की मोबाइल नेटवर्क की पहुंच हो चुकी है।

केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट नेटवर्क के लिए नई योजनाओं की शुरूआत की है।


दूरसंचार निगरानी एवं प्रवर्तन प्रकोष्ठ से मिली जानकारी के मुताबिक एलडब्ल्यूई योजना में ऐसे गांवों को चयनित किया गया है, जो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं। यहां टावर स्थापित करना चुनौती पूर्ण कार्य है। ऐसी स्थितियों में भी लक्ष्य के करीब पहुंचते जा रहे हैं।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जहां सुरक्षा बलों के नए कैंप खुलते जा रहे हैं, वहां भी नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है।


20,072 गांवों में से 18,948 में मोबाइल नेटवर्क
प्रदेश के 20,072 गांवों में से 18,948 गांवों में मोबाइल नेटवर्क की पहुंच हो चुकी है,

वहीं प्रदेश में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 2.69 करोड़ पहुंच चुकी है।

सबसे ज्यादा मोबाइल नेटवर्क की स्थापना कबीरधाम, रायगढ़,कांकेर,जशपुर, कोरबा,सारंगढ़-बिलाईगढ़,
गरियाबंद आदि जिलों में किया गया है।

प्रदेश में कुल 16,278 मोबाइल नेटवर्क की स्थापना हो चुकी है।


नक्सल प्रभावित 466 गांवों में दिसंबर तक नेटवर्क
अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर-2024 तक नक्सल प्रभावित अन्य गांवों को 4जी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें बाकी 466 गांवों में नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा। आकांक्षी जिलों के 546 गांवों को 425 करोड़ रुपये की लागत से 4जी से जोड़े जाने का लक्ष्य रखा गया है।

5जी भी पैर पसार रहा


प्रदेश में 4जी के बाद 5जी की स्थिति पर गौर करें तो अभी तक प्रदेश में 6,458 मोबाइल टावर लगाए जा चुके हैं, वहीं प्रदेश के सभी 33 जिलों में 5जी टावर स्थापित हो चुका है। बस्तर, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा आदि जिलों में भी 5जी की पहुंच हो चुकी है।


अनुपालन (दूरसंचार प्रवर्तन एवं निगरानी प्रकोष्ठ) निदेशक नीरेश शर्मा ने कहा, केंद्र सरकार की योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 4जी नेटवर्क का लगातार विस्तार हो रहा है। वर्तमान में 525 मोबाइल नेटवर्क लगाएं जा चुके हैं। यह कार्य लगातार जारी है। दिसंबर-2024 तक बाकी क्षेत्रों में भी नेटवर्क स्थापित करने का लक्ष्य है।

एलडब्ल्यूई योजना के तहत इन प्रमुख जिलों में लगा मोबाइल टावर

सुकमा, बस्तर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, गरियाबंद, धमतरी, बालोद, कबीरधाम, कोंडागांव, महासमुंद, राजनांदगांव, कबीरधाम, मोहला मानपुर,खैरागढ़-छुईखदान आदि।