
कोरबा :छत्तीसगढ़ की कोरबा हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट बन चुकी है। इस पर सबकी निगाहें इसलिए लगी हैं, क्योंकि यहां कांग्रेस पर अपना प्रदर्शन दोहराने और भाजपा पर अपनी साख बचाने का दबाव है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से ज्योत्सना महंत चुनाव जीतकर सांसद बनी थीं। वर्तमान में वह इस सीट पर दोबारा कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ रही हैं जबकि भाजपा की ओर से सरोज पांडेय चुनाव मैदान में हैं। सरोज भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। ऐसे में यहां भाजपा को अपनी साख बचाने की चिंता है।कोरबा हारी हुई सीट है, इसलिए यहां भाजपा-कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच भी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। भाजपा की ओर से सरोज पांडेय तीसरी बार लोकसभा चुनाव के मैदान में हैं। इसके पहले सरोज दुर्ग नगर निगम की महापौर, विधायक और सांसद रही हैं। भाजपा में जहां सरोज को सम्मान के साथ ‘दीदी’ पुकारा जाता है वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत की धर्मपत्नी होने के नाते ज्योत्सना महंत को कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता ‘भाभी’ कहकर संबोधित करते हैं।2009 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई सीट
कोरबा लोकसभा सीट 2009 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है। इस सीट पर अब तक हुए तीन चुनाव में दो बार कांग्रेस की जीत हुई। 2009 में कांग्रेस के डा. चरणदास महंत, 2014 में भाजपा के डा. बंशीलाल महतो और 2019 के चुनाव में कांग्रेस की ज्योत्सना महंत जो कि अभी भी सांसद हैं, उन्होंने चुनाव जीता था। विधानसभा सीटों के आंकड़ों से देखें तो छह सीट पर भाजपा, एक-एक में गोंडवाना – कांग्रेस के पास है।
इस लोकसभा क्षेत्र में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र (सामान्य- चार, अजजा- चार) आते हैं। इनमें भरतपुर-सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, कोरबा, कटघोरा, मरवाही में भाजपा के विधायक हैं। जबकि रामपुर में कांग्रेस और पाली-तानाखार में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के विधायक हैं।
Editor – Niraj Jaiswal
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