कोरबा। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ ने अपनी लंबित मांगों को लेकर आज से प्रदेशव्यापी हड़ताल शुरू कर दी है। संगठन ने सरकार पर मांगों की उपेक्षा का आरोप लगाया है, जिसमें संसाधनों की कमी और नीतिगत मुद्दे शामिल हैं। इस हड़ताल में तहसीलदार और नायब तहसीलदार शामिल हैं।
संगठन की प्रमुख मांगों में तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति में 50-50 फीसदी अनुपात के साथ सीधी भर्ती, नायब तहसीलदार को राजपत्रित श्रेणी, ग्रेड वेतनमान में सुधार, शासकीय वाहन की उपलब्धता, निलंबन मामलों में त्वरित बहाली, और 15 दिनों में जांच पूरी करने की मांग शामिल है।
इसके अलावा, अदालती आदेशों का पालन, जन शिकायत प्रणाली में सुधार, बिना सक्षम न्यायालय की अनुमति के एफआईआर न करने, और प्रोटोकॉल ड्यूटी के लिए पृथक व्यवस्था की मांग भी की गई है।
संगठन के प्रांताध्यक्ष के.के.लहरे ने बताया कि यह हड़ताल पूरे प्रदेश में शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा, “हमने 17 मांगों को लेकर पहले ही सरकार का ध्यान आकर्षित किया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
संगठन ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्टाफ नियुक्ति में तहसीलदारों को अधिकृत करने, एग्रीस्टेक, स्वामित्व योजना, ई-कोर्ट, और भू अभिलेख जैसे तकनीकी कार्यों के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर नियुक्त करने, और भू अभिलेख अधीक्षक व सहायक अधीक्षक की बहाली की मांग भी उठाई है।
इसके अतिरिक्त, व्यक्तिगत मोबाइल नंबर की गोपनीयता, पदेन शासकीय मोबाइल नंबर और डिवाइस, प्रत्येक तहसील में सुरक्षा कर्मी, सड़क दुर्घटना में 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृति का अधिकार, और लंबित प्रकरणों के लिए विशेषज्ञ कमेटी के गठन की मांग भी शामिल है।
लहरे ने सरकार से मांगों पर गंभीरता से विचार करने और त्वरित कार्रवाई की अपील की है। हड़ताल के कारण प्रशासनिक कार्यों पर असर पड़ सकता है, और संगठन ने इसे अनिश्चितकालीन बताया है।
Editor – Niraj Jaiswal
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