स्कूलों में पुस्तक वितरण में देरी, क्यूआर कोड स्कैनिंग की तकनीकी दिक्कतों से शिक्षक-विद्यार्थी परेशान

कोरबा ।जिले के सरकारी और निजी स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू हुए एक माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक नि:शुल्क पुस्तकों का वितरण नहीं हो सका है। पुस्तक वितरण में देरी और क्यूआर कोड स्कैनिंग की तकनीकी समस्याओं ने शिक्षकों और विद्यार्थियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इससे शेष शिक्षा सत्र में पाठ्यक्रम पूरा करने की चुनौती और कठिन हो गई है।

जिले में छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के अंतर्गत 1526 प्राथमिक, 525 माध्यमिक और लगभग 300 निजी स्कूल संचालित हैं। इन स्कूलों में 16 जून से नया शिक्षा सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन कई स्कूलों में ज्यादातर विद्यार्थियों को अभी तक पुस्तकें नहीं मिली हैं। बताया जा रहा है कि पुस्तकें स्कूलों तक पहुंच तो गई हैं, लेकिन वितरण प्रक्रिया में क्यूआर कोड स्कैनिंग की नई प्रणाली बाधा बन रही है।

शासन ने पुस्तक वितरण पर नजर रखने के लिए प्रत्येक पुस्तक पर क्यूआर कोड अंकित किया है, जिसे वितरण से पहले स्कैन करना अनिवार्य है। हालांकि, सर्वर की समस्या और कई पुस्तकों में क्यूआर कोड के इनवैलिड होने, क्षतिग्रस्त होने या पहले से स्कैन होने की शिकायतें सामने आ रही हैं।

खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में यह समस्या अधिक गंभीर है। शासन ने ऐसी पुस्तकों की जानकारी एकत्र करने और शिक्षकों को एक एप्लिकेशन के माध्यम से विवरण अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए एक वीडियो भी जारी किया गया है।

पुस्तक वितरण में देरी से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वहीं शिक्षकों को पाठ्यक्रम समय पर पूरा करने की चिंता सता रही है। शिक्षकों और अभिभावकों ने शासन से इस समस्या का शीघ्र समाधान करने की मांग की है ताकि शिक्षा सत्र सुचारू रूप से चल सके।