नई दिल्ली।: यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने आधार कार्ड में बार-बार बदलाव को रोकने के लिए नियमों को और सख्त कर दिया है। अब जन्मतिथि और बायोमेट्रिक डेटा जैसे फिंगरप्रिंट में बदलाव के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं, ताकि फर्जीवाड़े पर लगाम लगाई जा सके।
UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार ने बताया कि सरकारी योजनाओं, खेल या नौकरी में लाभ लेने के लिए कई लोग अपनी जन्मतिथि में हेरफेर करते हैं। इसे रोकने के लिए अब जन्मतिथि बदलने के लिए मूल बर्थ सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा। बिना प्रमाणिक दस्तावेज के कोई भी बदलाव स्वीकार नहीं किया जाएगा।
AI से होगी फिंगरप्रिंट की जांच: UIDAI ने बायोमेट्रिक फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग तकनीक को अपनाया है। अब फिंगरप्रिंट की प्रामाणिकता की जांच AI के जरिए की जाएगी। इसके अलावा, पैन कार्ड, CBSE मार्कशीट और मनरेगा जैसे सरकारी दस्तावेजों से डेटा का सत्यापन किया जाएगा।
बुजुर्गों और बच्चों को राहत: UIDAI फिंगरप्रिंट अपडेट की संख्या पर सीमा तय करने की योजना बना रहा है। हालांकि, छोटे बच्चों और बुजुर्गों को इस नियम में छूट दी जाएगी, क्योंकि उनके फिंगरप्रिंट समय के साथ बदल सकते हैं। लेकिन युवाओं के लिए बार-बार फिंगरप्रिंट अपडेट करना अब मुश्किल होगा।
UIDAI का यह कदम आधार कार्ड की विश्वसनीयता को बढ़ाने और दुरुपयोग को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे आधार अपडेट के लिए केवल प्रमाणिक दस्तावेजों का उपयोग करें।
Editor – Niraj Jaiswal
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