शोभा सिंह लव जिहाद मामले में विवाह पर आपत्ति, तौसिफ मेमन पर फर्जी दस्तावेज और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप

कोरबा में पिछले तीन महीनों से चर्चा में रहे शोभा सिंह और तौसिफ मेमन से जुड़े कथित लव जिहाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है। दोनों ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत जिला विवाह अधिकारी के समक्ष विवाह के लिए आवेदन दिया है, लेकिन इस विवाह के खिलाफ शोभा सिंह की मां और राजपूत क्षत्रिय समाज ने कड़ा विरोध दर्ज किया है।

समाज के अध्यक्ष अवधेश सिंह के नेतृत्व में विवाह अधिकारी के समक्ष आपत्ति दर्ज की गई है, साथ ही तौसिफ मेमन और उनके सहयोगियों पर फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने और धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस अधीक्षक से एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।

फर्जी दस्तावेज और धोखाधड़ी के आरोप

आरोप है कि 24 वर्षीय तौसिफ मेमन ने शोभा सिंह का नाम बिना किसी संवैधानिक प्रक्रिया के सोना मेमन लिखवाकर वैवाहिक प्रमाण पत्र संलग्न किया, जो जालसाजी और धोखाधड़ी का प्रयास है। आपत्ति में कहा गया है कि यह प्रशासन और न्यायालय को गुमराह करने की साजिश है, जो भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध है।

राजपूत क्षत्रिय समाज ने इसे योजनाबद्ध लव जिहाद का मामला करार देते हुए दावा किया कि शोभा सिंह को डराकर-धमकाकर और प्रलोभन देकर कलकत्ता ले जाया गया, जहां दबाव में उससे सहमति हासिल की गई।

सामाजिक तनाव की आशंका

विवाह अधिकारी के समक्ष दर्ज आपत्ति में चेतावनी दी गई है कि इस विवाह से राजपूत समाज की सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचेगी और सनातन समाज में कुप्रथा का प्रचलन बढ़ेगा।

समाज के सदस्यों का कहना है कि यह विवाह सामाजिक और धार्मिक तनाव को जन्म दे सकता है, जिससे जिला और पूरे छत्तीसगढ़ में हिंसा भड़कने की आशंका है। आपत्ति में कहा गया, “यह लव जिहाद का स्पष्ट मामला है, जिसमें पीड़िता को साजिश के तहत फंसाया गया है।”

पुलिस से कार्रवाई की मांग

राजपूत क्षत्रिय समाज ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि तौसिफ मेमन और उनके सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य संबंधित धाराओं के तहत तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए। समाज ने प्रशासन और उच्च न्यायालय से इस मामले की गहन जांच की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।

विवाद का पृष्ठभूमि

यह मामला पिछले तीन महीनों से कोरबा में चर्चा का विषय बना हुआ है। शोभा सिंह और तौसिफ मेमन के रिश्ते को लेकर सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने शुरू से ही आपत्ति जताई थी। समाज का दावा है कि यह मामला व्यक्तिगत संबंधों से परे सामाजिक और धार्मिक संवेदनशीलता से जुड़ा है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

प्रशासन की भूमिका

जिला विवाह अधिकारी ने आपत्ति दर्ज करने की पुष्टि की है और कहा है कि मामले की जांच की जाएगी। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, पुलिस इस मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर चुकी है।

सामाजिक संगठनों का रुख

राजपूत क्षत्रिय समाज और अन्य संगठनों ने इस मामले को लेकर सामाजिक जागरूकता बढ़ाने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की बात कही है। समाज के अध्यक्ष अवधेश सिंह ने कहा, “हमारी लड़कियों को ऐसी साजिशों से बचाने के लिए समाज और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा। यह मामला सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे समाज की प्रतिष्ठा से जुड़ा है।”

यह मामला कोरबा में सामाजिक और धार्मिक तनाव का कारण बन सकता है। प्रशासन और पुलिस के सामने इस संवेदनशील मुद्दे को निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ सुलझाने की चुनौती है। यह देखना बाकी है कि विवाह अधिकारी और पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या यह विवाद शांतिपूर्ण ढंग से हल हो पाता है।