कोरबा।कोरबा जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली एक बार फिर सामने आई है। ग्रामीण क्षेत्रों में न तो समय पर एंबुलेंस उपलब्ध हो रही है और न ही मरीजों को समुचित उपचार मिल पा रहा है। ताजा मामला पाली विकासखंड के ग्राम पंचायत बारीउमराव के जलहल गांव का है, जहां एक महिला मरीज को एंबुलेंस न मिलने के कारण परिजनों को बारिश में खाट पर 7 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ा।
जलहल गांव की रहने वाली करसीला एक्का (37) मौसमी बीमारी के कारण बुखार से पीड़ित थीं। उनकी बिगड़ती हालत देख पति रामधन एक्का ने 108 संजीवनी एक्सप्रेस को कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। इस दौरान झमाझम बारिश हो रही थी। मजबूरन परिजनों ने करसीला को खाट पर लिटाकर तिरपाल और छाते से ढंकते हुए सड़कविहीन गांव से 7 किलोमीटर पैदल चलकर लीमगांव मुख्य मार्ग तक पहुंचाया। वहां से निजी वाहन की मदद से उन्हें पाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह घटना रविवार की है। फिलहाल करसीला की हालत स्थिर है, लेकिन परिजनों को इस दौरान भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
कोरबा जिले के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति चिंताजनक है। कई गांवों में एंबुलेंस सेवाएं समय पर उपलब्ध नहीं हो पातीं। सड़कविहीन गांवों में मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाना और भी मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के मौसम में स्थिति और खराब हो जाती है, क्योंकि सड़कें कीचड़मय हो जाती हैं और एंबुलेंस गांव तक पहुंचने में असमर्थ रहती हैं।
इस घटना ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 108 संजीवनी एक्सप्रेस जैसी आपातकालीन सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रही हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और एंबुलेंस की अनुपलब्धता के कारण मरीजों को जान जोखिम में डालकर अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जाए और एंबुलेंस सेवाओं को सुदृढ़ किया जाए। साथ ही, सड़कविहीन गांवों में सड़क निर्माण और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की भी जरूरत जताई गई है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
Editor – Niraj Jaiswal
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