कोयला राज्यमंत्री सतीशचंद्र दुबे का दीपका माइंस दौरा, तैयारी पर खर्च और आलोचना चर्चा में

कोरबा। केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री सतीशचंद्र दुबे आज कोरबा जिले के दीपका माइंस का दौरा करने पहुंचे। पिछले महीने केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी के गेवरा दौरे के बाद अब राज्यमंत्री का यह दौरा स्थानीय समस्याओं और कोयला उत्पादन की प्रगति पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, दौरे की तैयारियों में हुए भारी खर्च और तामझाम को लेकर स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं।

साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की दीपका माइंस, जो 50 मिलियन टन से अधिक के वार्षिक कोयला उत्पादन लक्ष्य के लिए जानी जाती है, हाल ही में भूमि अधिग्रहण की अड़चनों को दूर कर विस्तार की दिशा में आगे बढ़ रही है। राज्यमंत्री दुबे दोपहर 3 बजे के बाद गेवरा हेलीपेड पहुंचे, जहां से वे अधिकारियों के साथ दीपका माइंस के व्यू पॉइंट पर निरीक्षण के लिए गए। इस दौरान एसईसीएल के सीएमडी सतीश दुहन, निदेशक तकनीकी, निदेशक कार्मिक और स्थानीय अधिकारी मौजूद रहे।

दौरे के दौरान राज्यमंत्री ने खनन गतिविधियों का जायजा लिया और स्थानीय समस्याओं, कोयला उत्पादन, और विस्तार योजनाओं पर अधिकारियों व यूनियन प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। राज्य सरकार के समन्वय से चल रहे कार्यों और औपचारिकताओं को पूरा करने पर भी जोर दिया गया।

तैयारियों पर सवाल और आलोचना

दौरे की तैयारियों को लेकर एसईसीएल प्रबंधन ने भारी तामझाम किया, जिसमें सड़कों की सफाई, व्हाइट पट्टी लगाने, और सजावट का काम शामिल रहा। बताया गया कि सुबह 5 बजे से सड़कों की सफाई शुरू की गई। हालांकि, इस दौरान हुए भारी खर्च और सजावट के लिए लगाए गए पर्दों पर स्थानीय लोगों ने सवाल उठाए। सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल होने के बाद प्रबंधन ने आनन-फानन में कुछ स्थानों से पर्दे हटाकर रंग-बिरंगे झंडे लगाए। जागरूक नागरिकों ने सवाल किया कि केंद्रीय कोयला मंत्री के दौरे की तुलना में राज्यमंत्री के लिए इतनी अधिक तैयारी और खर्च क्यों किया गया।

स्थानीय लोगों ने मांग की है कि ऐसे खर्चों पर अंकुश लगाया जाए और इसका उपयोग क्षेत्र के विकास और श्रमिकों के कल्याण के लिए किया जाए। इस दौरे से दीपका माइंस के उत्पादन और स्थानीय समस्याओं के समाधान में प्रगति की उम्मीद जताई जा रही है।