बलरामपुर। रामानुजगंज वन परिक्षेत्र के ग्राम चाकी में रविवार देर रात जंगली हाथी के हमले में एक महिला की मौत हो गई, जबकि एक अन्य ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
जानकारी के अनुसार, रविवार रात करीब दो बजे जंगल किनारे रहने वाले मुन्ना राम और उनकी पत्नी राधिका शौच के लिए बाहर निकले थे। इसी दौरान एक नर हाथी उनके घर के पास पहुंच गया। हाथी ने राधिका को सूंड में लपेटकर जमीन पर पटक दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मुन्ना राम अपनी बेटी के साथ किसी तरह जान बचाकर भागने में सफल रहे।
हाथी ने इसके बाद आगे बढ़ते हुए ग्रामीण टीभाली सिंह (52) के कच्चे घर की दीवार को क्षतिग्रस्त कर दिया। अचानक हुए हमले से भयभीत टीभाली भागने की कोशिश में हाथी के हमले का शिकार हो गए, जिससे उनके दोनों पैर टूट गए। घायल टीभाली का प्राथमिक उपचार के बाद बलरामपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
वन विभाग की कार्रवाई
वन विभाग ने मृतका राधिका के शव को रामानुजगंज के 100 बिस्तर अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। विभाग ने मृतका के परिवार को तत्काल 25,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। रेंजर निखिल सक्सेना ने बताया कि यह नर हाथी वाड्रफनगर से गढ़गोरडी, बगरा होते हुए चाकी पहुंचा था और घटना के बाद छतवा शिवपुर की ओर चला गया। विभाग द्वारा लगातार मुनादी कराई जा रही है और ग्रामीणों को जंगल की ओर न जाने की सलाह दी जा रही है।
जनप्रतिनिधियों ने उठाए सवाल
घटना की सूचना मिलते ही जिला पंचायत सभापति बद्री यादव और संतोष यादव मौके पर पहुंचे। संतोष यादव ने वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्षेत्र में हाथियों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन वन विभाग इस सिलसिले को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा।” उन्होंने बताया कि आठ अप्रैल को भी इसी तरह की घटना में एक ग्रामीण की जान चली गई थी। यादव ने हाथियों से जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए समुचित पहल की मांग की।
ग्रामीणों में दहशत
इस घटना के बाद चाकी और आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है। ग्रामीण रमेश सिंह ने कहा, “रात में बाहर निकलना अब जोखिम भरा हो गया है। वन विभाग को हाथियों को जंगल में वापस भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए।”
हाथी हमलों की बढ़ती घटनाओं ने क्षेत्र में वन्यजीव और मानव के बीच संघर्ष को और गंभीर कर दिया है। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने वन विभाग से तत्काल प्रभावी कदम उठाने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
प्रशासन से अपील: वन विभाग हाथियों के मूवमेंट पर कड़ी नजर रखे और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए दीर्घकालिक योजना लागू करे, ताकि ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
Editor – Niraj Jaiswal
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