पहली बार रेस्क्यू किया रसेल वाइपर का

कोरबा। कनकी गांव में लोगों की सतर्कता और जागरूकता से जहां रसेल वाइपर को बचा लिया गया है। वहीं सूचना पर रेस्क्यू टीम ने विषैले जंतु को पकडऩे के साथ उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया। पिछली रात 10 बजे यह ऑपरेशन किया गया। जितेन्द्र सारथी और राजू बर्मन ने इस काम को किया। बताया गया कि इस दौरान कोई क्षति नहीं हुई। 

जितेंद्र सारथी ने बताया कि रसल वाइपर बहुत ही गुस्सैल होता है, इससे छेड़छाड़ करने पर यह प्रेशर कूकर की तरह आवाज करता है। इसका एंटी वेनम भारत में उपलब्ध है।

इसकी दंश की घटनाएं ज्यादातर अजगर समझने के कारण होती है, इसके काटने वाले जगह पर सूजन होता हैं और आंख से खून निकलता हैं , नाक व जीभ के नीचे दर्द होता है क्यूंकि इसके काटने पर खून का जमना बंद हो जाता है जिससे बहुत ज्यादा खून बहता है, साथ ही इसका विष ऊतकों को सड़ाने एवं गलाने का काम करता है।