युक्तियुक्तकरण मंजूर नहीं, 23 शैक्षिक संगठनों की बगावत

कोरबा। शिक्षा विभाग में एक बार फिर बड़ी संख्या में स्कूलों के साथ-साथ वहां काम कर रहे शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण कार्यवाही की जा रही है। इसे शैक्षिक संगठनों ने नामंजूर कर दिया है। वे इस मामले को लेकर मंत्रालय का घेराव करने के मूड में है।

उन्होंने 28 मई को रायपुर में महानदी मंत्रालय का घेराव करने की घोषणा की। दावा किया जा रहा है कि एक लाख से अधिक शिक्षक इस प्रदर्शन में शामिल होंगे। उनकी मांग है कि शिक्षकों को एरियर्स सहित क्रमोन्नति वेतनमान, प्रथम सेवा गणना करते हुए पुरानी पेंशन बहाली, प्रशिक्षितों को प्रमोशन के लिए बीएड की अनिवार्यता में छूट और अन्य सभी प्रावधानों का लाभ दिया जाए।

शिक्षक संगठनों का कहना है कि 2008 के सेटअप से छेड़छाड़ किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं करेंगे। केंद्र सरकार के शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 2009 में यह शिक्षा विभाग का सेटअप लागू किया गया था। जिसमें प्राथमिक शाला में न्यूनतम 60 दर्ज पर कम से कम तीन शिक्षक अर्थात एक अनुपात दो। इसी प्रकार मिडिल स्कूलों में पांच शिक्षक अर्थात एक अनुपात चार।

प्रांताध्यक्षगण केदार जैन, मनीष मिश्रा, संजय शर्मा, वीरेन्द्र दुबे, विकास राजपूत, कृष्णकुमार नवरंग एवं राजनारायण द्विवेदी ने कहा कि हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में विषय आधारित शिक्षकों के अलावा दर्ज संख्या के आधार पर शिक्षकों की वृद्धि 2009 के सेटअप अनुसार होनी चाहिए।

इसी मामले को लेकर कोरबा में बीएड व डीएड संघ द्वारा प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। उन्होंने युक्तियुक्तकरण के खतरे से कलेक्टर को अवगत कराया।