कोरबा। जिले से एक और प्राकृतिक विरासत की झलक सामने आई है। कटघोरा वनमंडल अंतर्गत हरदी बाजार क्षेत्र के मुढाली गांव में दुर्लभ प्रजाति की एशियन पाम सिवेट (Asian Palm Civet) एक घर में अपने पांच बच्चों के साथ धान की कोठी में रह रही थी। यह नजारा ग्रामीणों के लिए जहां डर का कारण बना, वहीं प्रकृति के अद्भुत संतुलन का एहसास भी कराता रहा।
मां की ममता और मानवीय पहल ने बचाई जान
जानवरों को हटाने की बजाय घर के मालिक केशव जायसवाल ने तत्काल वन विभाग को सूचना दी, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। सिवेट मां अपने बच्चों को छोड़ने को तैयार नहीं थी, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन काफी संवेदनशील और जटिल रहा।
संवेदनशील और सुनियोजित रेस्क्यू ऑपरेशन
रेस्क्यू अभियान कटघोरा वनमंडल अधिकारी कुमार निशांत के निर्देश पर और उप वनमंडलाधिकारी चंद्रकांत के मार्गदर्शन में चलाया गया।
इसमें नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी के विशेषज्ञों की टीम, जिसमें अध्यक्ष एम. सूरज, जितेंद्र सारथी, मयंक बागची, बबलू मारुवा, रेंजर अशोक मान्यवर, डिप्टी सुखदेव सिंह मरकाम और महेंद्र देवांगन शामिल थे, ने बेहद सावधानी और विशेषज्ञता के साथ सिवेट और उसके बच्चों को सुरक्षित पकड़ा।
प्राकृतिक घर में वापस छोड़ा गया परिवार
रेस्क्यू के बाद सिवेट मां और उसके पांच बच्चों को निकटवर्ती वन क्षेत्र में छोड़ा गया, जहां वे स्वतंत्र और सुरक्षित जीवन जी सकें। यह कार्य पूरी तरह तनावमुक्त और मानवीय तरीके से संपन्न किया गया।
वन्यजीव संरक्षण की मिसाल बना कोरबा
अधिकारियों का कहना है कि यह रेस्क्यू मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने और जैवविविधता के संरक्षण की दिशा में प्रेरणादायक उदाहरण है। स्थानीय ग्रामीणों, पर्यावरण प्रेमियों और वन्यजीव संगठनों ने इस समन्वित प्रयास की प्रशंसा की है।
कोरबा की यह घटना दर्शाती है कि जब प्रशासन, विशेषज्ञ और स्थानीय लोग मिलकर काम करें, तो प्रकृति और मनुष्य के बीच सामंजस्य संभव है। एशियन पाम सिवेट जैसे दुर्लभ जीवों की रक्षा न केवल हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने का संकल्प भी है।
Editor – Niraj Jaiswal
Mobile – 9754876042
Email – urjadhaninewskorba@gmail.com
Address – Press Complex, T.P. Nagar, Korba C.G. 495677