बाल सम्प्रेक्षण गृह की बदहाली, बच्चों की सुरक्षा खतरे में; आयोग ने दिए 7 दिन में सुधार के निर्देश

कोरबा। जिले के रिसदी इलाके में किराए के मकान में संचालित शासकीय बालक बाल सम्प्रेक्षण गृह की बदहाल स्थिति ने विधि से संघर्षरत अपचारी बालकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया है।

छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने 11 मई 2025 को रात 8 बजे इस गृह का निरीक्षण किया और वहां की गंभीर अव्यवस्थाओं पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने विभागीय सचिव, संचालक और कलेक्टर को पत्र लिखकर 7 दिनों के भीतर सुधार के निर्देश दिए हैं।

निरीक्षण में गृह की स्थिति अत्यंत चिंताजनक पाई गई। बाथरूम गंदे, कमोड का पानी बहकर बाहर फैला हुआ, खुले बिजली के तार पानी में डूबे हुए, टूटी खिड़कियां, फटी मच्छरदानी, और लाल चीटियों का प्रकोप देखा गया। बिस्तरों तक में चीटियां थीं, जो बच्चों के लिए खतरा बनी हुई हैं।

ड्रेनेज सिस्टम महीनों से खराब, बदबूदार वातावरण, खराब आर.ओ. सिस्टम, टूटे शीशे, और निष्क्रिय सीसीटीवी कैमरे ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।

आश्चर्यजनक रूप से, 8-9 साल पहले 9 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एकीकृत भवन बिना एप्रोच रोड के उपयोगहीन पड़ा है, जहां चोरी की घटनाएं भी हो चुकी हैं। अधीक्षिका निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित थीं और बड़े-छोटे बच्चे एक ही भवन में रह रहे थे।

डॉ. शर्मा ने तत्काल गृह को स्वच्छ और सुरक्षित किराए के भवन में स्थानांतरित करने या मकान मालिक से सुधार करवाने का सुझाव दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 7 दिनों में कार्रवाई नहीं हुई, तो आयोग सख्त कदम उठाएगा।

यह स्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि बच्चों के भविष्य और सुरक्षा पर भी सवाल उठाती है।