रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में नए – नए उद्योगों की स्थापना की व्यापक संभावनाएं हैं। यहां मिनरल्स का विपुल भंडार है, अनुकूल औद्योगिक वातावरण है, साथ ही उद्योग और व्यापार जगत के प्रतिनिधियों से चर्चा कर राज्य की नवीन औद्योगिक विकास नीति 2024-30 तैयार की गई है। इस नवीन नीति में उद्योगों की स्थापना की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक प्रावधान शामिल किए गए हैं। नई औद्योगिक नीति के रूप में निवेशकों के लिए रेड कारपेट छत्तीसगढ़ में खुला है। निवेश की जटिलताएं अब छत्तीसगढ़ में नहीं रहीं। सिंगल विंडो सिस्टम ने सब कुछ बहुत सरल कर दिया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बुधवार को यह बात नवा रायपुर में नीति आयोग एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संयुक्त रूप से “छत्तीसगढ़ की औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के संबंध में हितधारकों के साथ संवाद कार्यक्रम (स्टेक होल्डर कनेक्ट वर्कशॉप)” को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य दिया है। इसके लिए हमें विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करना होगा। विकसित भारत के निर्माण में छत्तीसगढ़ के उद्योग जगत का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। छत्तीसगढ़ के विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देते हुए छत्तीसगढ़ के अधिक से अधिक लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान किया जाएगा।
32 हजार 225 करोड़ के निवेश के लिए इंटेंट टू इन्वेस्ट लेटर
सीएम साय ने कार्यक्रम में राज्य के 27 बड़े औद्योगिक समूहों को नवीन पूंजी निवेश के प्रस्ताव के संबंध में 32 हजार 225 करोड़ रुपए के निवेश के लिए इंटेंट टू इन्वेस्ट लेटर प्रदान किए। इनमें राज्य के कोर सेक्टर के साथ ही नये निवेश क्षेत्रों जैसे आईटी, एआई, डाटा सेंटर, एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, कम्प्रेस्ड बायो गैस जैसे क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा।
इनमें शिवालिक इंजीनियरिंग, मां दुर्गा आयरन एण्ड स्टील, एबीआरईएल ग्रीन एनर्जी, आरएजी फेरो एलायज, रिलायंस बायो एनर्जी, यश फैंस एण्ड एप्लायंसेस, शांति ग्रीन्स बायोफ्यूल, रेक बैंक डाटा सेंटर आदि सम्मिलित हैं। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नवीन औद्योगिक नीति में रोजगार सृजन, निर्यात प्रोत्साहन और उद्योगों की मंजूरी और स्थापना की प्रक्रिया के सरलीकरण पर फोकस किया गया है।
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार ने बताया कि नवीन औद्योगिक विकास नीति में राज्य की प्राथमिकताओं एवं राज्य में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के लिये प्रावधान किये गये हैं। कार्यक्रम में आयोजित पैनल डिस्कशन में रोजगारवर्धक औद्योगिक विकास में औद्योगिक अधोसंरचना, नीति समर्थन एवं उद्योग स्थापना के लिए औपचारिक आवश्यकताओं को कम करने पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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