कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने एसईसीएल के खदानों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए एक बड़ा आंदोलन किया। इस आंदोलन में लगभग 5 घंटे तक कुसमुंडा खदान बंद रखा गया और कोल परिवहन पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
किसान सभा के नेता प्रशांत झा ने कहा कि भू विस्थापित रोजगार के लंबित प्रकरणों का निराकरण की मांग करते हुए थक गए हैं। उन्होंने कहा कि एसईसीएल के अधिकारी भू विस्थापितों के अधिकारों को छीनने में लगे हुए हैं और केवल कोयला उत्पादन को बढ़ाने में रुचि रखते हैं।
किसान सभा ने अपनी मांगों को लेकर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें उन्होंने कहा कि:भू विस्थापितों को रोजगार दिया जाए: सन 1978 से 2004 तक अर्जन की गई जमीन के खातेदारों को रोजगार संबंधित प्रक्रिया पूरी कर जल्द रोजगार प्रदान किया जाए।भू विस्थापितों के फाइलों का निराकरण किया जाए: जिन भू विस्थापितों का फाइल बिलासपुर मुख्यालय में है, उन्हें तत्काल रोजगार प्रदान किया जाए।
अर्जन के बाद जन्म वाले प्रकरणों का निराकरण किया जाए: अर्जन के बाद जन्म वाले सभी प्रकरणों का निराकरण कर जल्द सभी खातेदारों को रोजगार प्रदान किया जाए।खमहरिया की जमीन मूल किसानों को वापस की जाए: पूर्व में अधिग्रहित खमहरिया की जमीन मूल किसानों को वापस की जाए।
भैसमाखार के विस्थापितों को बसावट प्रदान की जाए
भैसमाखार के विस्थापितों को बसावट प्रदान की जाए। किसान सभा ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर सकारात्मक पहलकदमी नहीं होती है, तो वे कोल परिवहन को बार-बार बंद करेंगे।
Editor – Niraj Jaiswal
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