बिलासपुर। जिसका कोई नहीं, उसका भगवान होता है यह कहावत बिलासपुर के क्रांति नगर इलाके में सच साबित हुई, जब मोहल्लेवासियों ने अपने पड़ोसी पी. चलपती राव का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ किया। 85 वर्षीय दक्षिण भारतीय ब्राह्मण चलपती राव, जो पूजा अपार्टमेंट में अकेले रहते थे उनका 23 अक्टूबर को निधन हो गया।
उनका कोई परिजन या संतान यहां न होने के कारण अपार्टमेंट के लोगों ने आपसी सहयोग से उनकी अंतिम विदाई का जिम्मा उठाया।
रहवासियों ने मिलकर चलपती राव का अंतिम संस्कार भारतीय नगर स्थित मुक्तिधाम में हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार किया। प्रमुख योगदान देने वालों में अभिजीत मित्रा (रिंकू), शैलेश मिश्रा और मनीष गुप्ता का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
सभी ने मिलकर उनकी अस्थियों का विसर्जन भी शिवरीनारायण में महानदी के तट पर किया, जिससे यह आयोजन मानवीयता और सामूहिक सहयोग का एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया।
इंसानियत का सबसे बड़ा रिश्ता
इस घटना ने समाज में सहयोग और सद्भाव की भावना को फिर से उजागर किया है, जहां मोहल्लेवासियों ने साबित किया कि इंसानियत का रिश्ता सबसे बड़ा होता है। चलपती राव की अंतिम यात्रा में सामूहिक सहयोग की भावना ने पूरे इलाके को प्रेरणा दी और एकजुटता की मिसाल पेश की।
Editor – Niraj Jaiswal
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