कोरबा। तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र (आइटीआइ) रामपुर में दाखिले के लिए सात अवसर दिए जाने के बाद भी 15 प्रतिशत सीट अब भी खाली है। संसाधनों की कमी के कारण संस्थान में प्रवेश के लिए विद्यार्थी रूचि नहीं ले रहे हैं। संस्थान में कुल 14 ट्रेड के प्रशिक्षण की सुविधा है, इसके बाद बाद भी ड्राप्टमेन, कोपा, वायरमेन, फीटर, इलेक्ट्रिशियन, टर्नर जैसे ट्रेड के सीटों में पर्याप्त विद्यार्थी नहीं आए।
शनिवार को वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए प्रवेश का अंतिम अवसर था। शहर का प्रमुख आइटीआइ संस्थान की 90 प्रतिशत सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है। बिना बालिका छात्रावास के संचालित तकनीकी संस्थान में दूर दराज से आने वाली छात्राओं का पढ़ाई बाधित है। संस्था और तकनीकी विभाग दोनों के पास फंड नहीं होने का रोना है।
सबसे अधिक दुर्दशा प्रायोगिक कक्ष की है, जहां कीमती मशीनरी सामानों को सुरक्षित रखने की समस्या है। वर्षा के दौरान प्रायोगिक कार्य बंद रहते हैं। इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रानिक ट्रेड सहित अन्य प्रायोगिक ट्रेड का काम विद्युतीकरण के माध्यम से होता है। वर्षा के दिनों में गीले फर्श वाले कमरों में प्रायोगिक कार्य किया जाना खतरे से खाली नहीं। विभाग के अधिकारियों में केवल पत्राचार का क्रम जारी है।
व्यवस्था में सुधार नहीं होने के कारण कर्मचारियों से लेकर विद्यार्थियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सात अवसर के बाद भी विद्यार्थियों के दाखिला नहीं होेना तकनीकी संस्थान में सुविधाओं की कमी को दर्शाता है। भवन में विभिन्न ट्रेड से संबंधित विषयों के ट्रेड को भी संचालित किया जा रहा है। भवन के सुधार के लिए तकनीकी संस्थान द्वारा लोक निर्माण विभाग को कई बार पत्र व्यवहार किया जा चुका है। मरम्मत के लिए शासन से राशि नहीं मिलने के कारण भवन की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। परिसर में जर्जर हो चुका अतिरिक्त भवन पूरी तरह से अनुपयोगी पड़ा है।
माइनिंग ट्रेड को नहीं मिली हरी झंडी
बीते वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिले मे माइनिंग टूल्स रिपेयरिंग ट्रेड शुरू करने की घोषणा की है। नवीन शैक्षकिण सत्र शुरू होने के बावजूद राज्य तकनीकी विभाग से नए ट्रेड के लिए गाइडलाइन जारी नहीं हुआ है। वर्तमान में चल रहे तकनीकी शिक्षण संस्थान के न केवल आइटीआइ बल्कि पालिटेक्टिनक भवन भी जर्जर है। गाइड लाइन के अभाव में नए ट्रेड के लिए जमीन की भी तलाश शुरू नहीं हुई। ऐेसे माइनिंग ट्रेड शुरू होने से पहले ठंडे बस्ते में चली गई है।
खनिज न्यास से नहीं मिला सहयोग
जिले में निर्माण के नाम एक जिला खनिज न्यास की राशि को पानी की बहाया गया है लेकिन जिन शैक्षणिक संस्थानों को सुधारने की आवश्यकता थी उसे नजर अंदाज किया गया है। संस्थान की ओर से आइटीआइ भवन को सुधारने के लिए संस्था की ओर से जिला प्रशासन को कई बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन अब तक सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है।
इनका कहना
सात अवसर के बाद कोपा, टर्नर, मशीनिस्ट, ड्राप मैन आदि ट्रेड की सीटें अभी भी खाली है। सत्र में प्रवेश के लिए यह अवसर था। केंद्र पोर्टल खुलने पर ही नए सिरे से भर्ती हो सकेगी
के गुप्ता, प्रशिक्षण अधिकारी, आइटीआइ, रामपुर
Editor – Niraj Jaiswal
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