खतरे की घंटी! नौकरी से पहले 20 हजार युवाओं ने छोड़ी सीट

बिलासपुर। आखिर प्रतियोगी क्यों नहीं आए? व्यापम की परीक्षा से मोहभंग हो गया या फिर निश्शुल्क आवेदन योजना का असर है। न्यायधानी के 80 परीक्षा केंद्रों में व्यापमं ने दो पालियों में परीक्षा ली। प्रयोगशाला सहायक व तकनीशियन भर्ती के लिए लिखित परीक्षा हुई। दोनों ही परीक्षाओं में कुल 35,518 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। उनमें से 15,208 ने पर्चा हल किया, जबकि 20 हजार 310 अनुपस्थित थे। बड़ी संख्या में अनुपस्थिति को लेकर स्कूल और कालेजों से लेकर शिक्षा जगत में जबरदस्त चर्चा रही।

सरकारी खजाने में इसका सीधा नुकसान तो हुआ ही, युवाओं के लिए भी खतरे की घंटी है। शिक्षकों का मानना है कि प्रतियोगिता से पहले ही मैदान छोड़ना ठीक नहीं है। समझना होगा कि एक अच्छी नौकरी हाथ से चली गई। प्रमुख परीक्षा केंद्र सीएमडी पीजी कालेज, कौशलेंद्र राव विधि महाविद्यालय, डीपी विप्र पीजी कालेज, देवकीनदंन उच्चतर माध्यमिक शाला, मिशन स्कूल में अक्सर व्यापम की परीक्षा में भीड़ नजर आती थी, लेकिन इस बार खाली-खाली सा रहा। परीक्षा हाल में आधे भी उपस्थित नहीं थे।

एक भी नकल प्रकरण दर्ज नहीं
परीक्षा में एक भी नकल प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। व्यापम द्वारा तैयार उड़नदस्ता ने विभिन्न केंद्रों का निरीक्षण भी किया। परीक्षा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। केंद्र में मूल पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या मतदाता पहचान पत्र साथ लाना अनिवार्य था। प्रवेश पूर्व कड़ी जांच-पड़ताल हुई। पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक कर्मचारियों की तैनाती रही। इधर परीक्षार्थियों ने कहा कि पर्चा भी कठिन था।

व्यापम की परीक्षा

परीक्षा का नाम पाली कुल दर्ज उपस्थित अनुपस्थित


प्रयोगशाला सहायक प्रथम 19,796 8,863 10,933


प्रयोगशाला तकनीशियन द्वितीय 15,722 6,345

9,377


कुल 35,518 15,208 20,310


सिविल जज बनने दिखी खुशी


व्यापम की परीक्षा में जहां परीक्षार्थी नदारद रहे तो वहीं लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उत्साह दिखा। प्रथम पाली में आयोजित सिविल जज मुख्य परीक्षा में 188 प्रतियोगी पंजीकृत थे। उनमें से 181 ने पर्चा हल किया। मात्र सात प्रतियोगी अनुपस्थित थे।

पूछे गए सवाल


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