जिला जेल में मनाया गया रक्षाबंधन पर्व बहनों ने भाइयों को बांधा रक्षा सूत्र

कोरबा । रक्षाबंधन के अवसर पर 3 साल बाद भाई-बहनों की मुलाकात के लिए जेल का दरवाजा खुला। इस दौरान जेलों में बड़ी संख्या में बहनों ने पहुंचकर भाइयों को राखी बांधी। जिला जेल कोरबा में भी सुबह से शाम तक राखी बांधने बहनों की भीड़ लगी रही।


जेल प्रबंधन ने किसी तरह की असुविधा ना हो, इसके लिए विशेष व्यवस्था कर परिसर में कतारबद्ध प्रवेश के लिए बांस लगवाया था। वहीं पहुंचने वाले प्रत्येक बहनों और भाई के वेरिफिकेशन के लिए उनके आधार कार्ड की जांच कर रजिस्टर में एंट्री की जा रही थी। इसी क्रम से प्रत्येक लोगों का नाम एलाउंसमेंट किया जा रहा था, जिससे वे बारी-बारी पहुंचकर जेल के भीतर प्रवेश कर भाइयों से मुलाकात कर उन्हें राखी बांध रही थी। सुरक्षा व्यवस्था व सहयोग के लिए पुलिस बल की ड्यूटी लगी थी।


वहीं बंदियों के बहनों व भाई के किसी कारण से अस्वस्थ होने पर उनके इलाज के लिए चिकित्सा टीम भी जेल के बाहर मौजूद रही। रक्षाबंधन पर बंदियों के लिए जिला जेल में विशेष पकवान के रूप में हलवा, पूड़ी बनाया गया था। निर्धारित समय तक 255 भाई-बहन पहुंचे। इनमें 108 पुरुष बंदियों को राखी बांधने उनकी 249 बहन और 3 महिला बंदी के 6 भाई पहुंचे थे। जेल प्रबंधन ने मुख्य प्रवेश द्वार से अंदर हॉल पर उनके बैठकर बंदी से मुलाकात व राखी बांधने के लिए व्यवस्था की थी, जहां बैठकर अपने भाइयों से आमने-सामने मुलाकात होने पर बहनें भावुक हुईं। प्रत्येक बहनों को इसके लिए 10 मिनट का समय दिया था। बंदी इस दौरान बहनों के साथ पहुंचे अपने बच्चों से भी मिले।


अधिकांश बंदियों के बहन-भाई नहीं पहुंचे जिला जेल में सोमवार की स्थिति में 250 बंदी निरूद्ध है। इनमें 230 पुरुष व 20 महिला बंदी है। इनमें से 108 पुरुष व 3 महिला बंदी के बहन-भाई ही रक्षाबंधन के मौके पर पहुंचे। अधिकांश बंदियों के बहन-भाई नहीं पहुंचे। बताया जाता है कि ऐसे बंदियों में कई दूसरे राज्यों व जिलों के निवासी है या फिर दूरस्थ क्षेत्रों में उनका घर होने से परिजन नहीं पहुंच सकें।