रायपुर । छत्तीसगढ़ में चल रहे कोयला घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 16 अगस्त को छत्तीसगढ़ सहित चार राज्यों में 24 स्थानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई के तहत ACB ने मुख्यमंत्री कार्यालय के तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया, संचालनालय भौमिकी एवं खनिकर्म के तत्कालीन निदेशक समीर विश्नोई और कोरबा की तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापे मारे।
ACB ने अवैध कोल लेवी मामले में भिलाई निवासी मनीष उपाध्याय को गिरफ्तार किया। आरोपी को विशेष न्यायालय, रायपुर में पेश किया गया, जहां से उसे 23 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। यह आरोपी लंबे समय से फरार था और उसकी गिरफ्तारी से नए तथ्यों के सामने आने की संभावना जताई जा रही है।
ACB के जारी बयान के अनुसार, छापे छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड और कर्नाटक के विभिन्न स्थानों पर किए गए। रायगढ़ और राजस्थान में दो-दो स्थानों पर, जबकि बैंगलोर, जमशेदपुर, कोरबा, और गरियाबंद में एक-एक स्थान पर छापेमारी की गई। महासमुंद में तीन, दुर्ग में आठ और रायपुर में पांच स्थानों पर भी छापे मारे गए। इन छापों के दौरान बेनामी संपत्ति, वाहनों से संबंधित दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बरामदगी हुई, जिनमें संपत्ति से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत मिलने की संभावना है।
गोपनीय तरीके से की गई छापेमारी
ACB चीफ अमरेश मिश्रा, जो पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में कार्यरत थे, ने छापेमारी की योजना को इस तरह से तैयार किया कि किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक और झारखंड में एक साथ 19 स्थानों पर छापेमारी की गई। ACB ने छापेमारी के लिए 200 से अधिक लोगों की टीम तैयार की, जिसमें पुलिस, गवाह और वीडियो रिकॉर्डिंग टीम शामिल थी। छापेमारी इतनी गोपनीय रखी गई कि ACB के मुख्यालय में भी इसकी जानकारी नहीं लीक हुई।
विश्नोई के ससुराल पर छापेमारी
ACB ने सुबह 5 बजे छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई के राजस्थान के अनूपगढ़ स्थित ससुराल पर भी छापा मारा। समीर विश्नोई की पत्नी की मां जयपुर की महापौर रह चुकी हैं। छापे के दौरान ACB टीम को सोना, नगदी और अन्य कीमती सामान मिला, जिनके बारे में जांच की जा रही है।
जेल में बंद तीन अधिकारी
आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, रानू साहू और सौम्या चौरसिया पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। बहुचर्चित कोल स्कैम में इन तीनों अधिकारियों के घर ईडी ने छापेमारी की थी। समीर विश्नोई के यहां से 4 किलो सोना और 47 लाख रुपये नगद बरामद हुए थे। रानू साहू और सौम्या चौरसिया के यहां से भी लेन-देन के महत्वपूर्ण सबूत मिले थे। बाद में, ईडी ने इस मामले को छत्तीसगढ़ के ACB को सौंप दिया था।
समीर विश्नोई 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जबकि रानू साहू 2010 बैच की हैं। दोनों अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में विभिन्न पदों पर कार्य किया है, जिसमें विश्नोई कोंडगांव के कलेक्टर और रानू साहू कोरबा, कांकेर और बालोद की कलेक्टर रह चुकी हैं।
Editor – Niraj Jaiswal
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