35 प्रतिशत कम कार्बन उत्सर्जित करने वाला विद्युत संयंत्र छत्तीसगढ़ में

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित सीपत में नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन एनटीपीसी में नौ हजार करोड़ रुपये की लागत से 800 मेगावाट का नया पावर प्लांट स्थापित होगा। यह सीपत में एनटीपीसी के मौजूदा संयंत्र का हिस्सा होगा। देश में विकसित एडवांस अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल टेक्नोलाजी (एयूएससी) का यह पहला पावर प्लांट होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की है। इसके लिए एनटीपीसी व भेल (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) के बीच करार हो चुका है।

केंद्र सरकार भी इसके लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। दावा किया गया है कि यह पावर प्लांट देश का सबसे कम प्रदूषण वाला कोयला आधारित पावर प्लांट होगा। सीपत में अभी एनटीपीसी का 2,980 मेगावाट का प्लांट है। इस एडवांस अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट की तकनीक को संयुक्त रूप से एनटीपीसी व भेल ने इंदिरा गांधी सेंटर आफ एटामिक रिसर्च (आइजीसीएआर) के साथ मिलकर स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। देश में पहले क्रिटिकल और फिर अल्ट्रा क्रिटिकल पावर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं।


इस तकनीक को देश में विकसित करने मे एनटीपीसी की अहम भूमिका है।

अभी देश में कुल 72 सुपरक्रिटिकल और 20 अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर यूनिट हैं। परियोजना का पहला चरण, जो अनुसंधान और विकास पर केंद्रित था। सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में, केंद्रीय विद्युत मंत्रालय और एनटीपीसी के तत्वावधान में 800 मेगावाट एयूएससी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इस प्रौद्योगिकी का अब तक कहीं भी प्रदर्शन नहीं किया गया है। हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस), यूरोप, चीन और जापान इसका अध्ययन और विकास कर रहे हैं।

क्या है एडवांस अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल टेक्नोलाजी
इस टेक्नोलाजी से पारंपरिक बिजली संयंत्रों की तुलना में करीब 35 प्रतिशत अधिक CO2 (कार्बन डाइ आक्साइड) उत्सर्जन में कमी आएगी। यानी दो गीगा टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा। यह तकनीक 47 से 50 प्रतिशत तक दक्षता प्रदान करती है। पारंपरिक संयंत्र का तापमान 540 से 600 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। एडवांस अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल टेक्नोलाजी के संयंत्र का तापमान 710 से 720 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। उच्च तापमान के कारण फ्लाई ऐश भी कम उत्पादित होगा।