मुंगेली। धान खरीदी में अनियमितता कर शासन को लाखों की क्षति पहुंचाने वालों की जमानत याचिका हाईकोर्ट और सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी है।
बता दें कि खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में जिले में लगभग 55 लाख 86 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। धान के उठाव के दौरान कई खरीदी केंद्रों में धान का गबन करने तथा खरीदी प्रभारियों द्वारा अनियमितता किए जाने की शिकायत पर कलेक्टर राहुल देव ने संज्ञान में लेते हुए संयुक्त जांच टीम गठित कर खरीदी केंद्रों में बचे शेष धान का भौतिक सत्यापन कराया, जिसमें अखरार, गुरुवाईनडबरी तथा तरवरपुर आदि खरीदी केंद्रों में बड़ी अनियमितता सामने आई थी।
कलेक्टर के निर्देश पर सहकारिता विभाग की ओर से गुरुवाईनडबरी के खरीदी प्रभारी रामदास बंजारा पर धान को बिना डीओ के बेचने तथा 2000 क्विंटल से अधिक का धान का गबन करने के आधार पर आईपीसी की धारा 420 और 409 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
इसी तरह अखरार में लगभग 1258 क्विंटल धान का गबन करने के आधार पर खरीदी प्रभारी दिलीप जायसवाल और कंप्यूटर ऑपरेटर राजेंद्र जायसवाल पर धारा 420 व 409 के तहत तथा तरवरपुर खरीदी प्रभारी भूपेंद्र बंजारे द्वारा लगभग 650 क्विंटल धान का गबन करने के आधार पर धारा 420 व 409 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद गुरुवाईनडबरी के खरीदी प्रभारी रामदास बंजारा ने उच्च न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसे उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया है। वहीं अखरार खरीदी प्रभारी तथा कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा सेशन न्यायालय में जमानत के लिए दायर की गई याचिका को भी न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया है, जिससे यह निश्चित हो गया है कि शासन को लाखों का चूना लगाने वालों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
Editor – Niraj Jaiswal
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