रेत बनी कलह का कारण अब फसाद की स्थिति
कोरबा। कोरबा जिले में डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड को भले ही कोयला की रायल्टी से मजबूती मिल रही है लेकिन गौण खनिज का भी अपना खास योगदान है। कोरबा जिले में अधिकृत रूप से संचालित किये जा रहे सभी रेतघाट नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल के आदेश से बंद हो चुके हैं। ये बात अलग है कि प्रतिबंध के बावजूद विभिन्न क्षेत्रों में अवैध खनन जैसी गतिविधियां बिना रोकटोक के चल रही है। अब तो रेत का मामला कुल मिलाकर कलह का विषय बन गया है।
पिछली रात को इसी रेत के चक्कर में मारपीट को छोडक़र सबकुछ हो गया। खबरों के अनुसार पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड में रेत का अवैध खनन काफी समय से जारी है और इसे लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं। कुछ प्रकरणों में कार्रवाई भी हुई है और संबंधितों पर पेनाल्टी लगाने के साथ वाहनों को जब्त किया गया है। इन सबके बाद भी हरकतें जस की तस चल रही है। हमारे संवाददाता ने बताया कि पोड़ी उपरोड़ा क्षेत्र में हसदेव नदी से रेत खनन का काम किये जाने को लेकर दो पक्ष आमने-सामने हुए। तीन दिन पहले ही ग्रामीणों ने एक घोषित रेतघाट पर रात्रि को धावा बोलकर अवैध खनन में लगे गर्ग बंधुओं के पोकलेन वाहन को अपने कब्जे में ले लिया। जबकि माजरा बढ़ते देख खननकर्ता यहां से भाग खड़े हुए। ग्रामीणों ने हर हाल में कार्रवाई कराने के लिए सुबह होने तक मौके पर डेरा डाल दिया। यहां-वहां सूचना होने पर पोड़ी उपरोड़ा तहसीलदार विनय देवांगन मौके पर पहुंचे और अवैध खनन करते पकड़ी गई पोकलेन को जब्त कर माइनिंग के सुपुर्द कर दिया।
यह मामला प्रतिष्ठा का विषय बन गया और क्षेत्र के इस प्रकार के कार्यों पर निगरानी तेज कर दी गई। बताया गया कि जनपद पंचायत की राजनीति करने वाले एक व्यक्ति के ट्रैक्टर इसी काम में नियोजित होने के बारे में तहसीलदार को न केवल अवगत कराया गया बल्कि कार्रवाई करने का दबाव बनाया गया। इस मामले को लेकर शोर-शराबे की स्थिति भी निर्मित हुई।
शिकायतकर्ता का कहना था कि जब पारदर्शिता के सिद्धांत के अनुसार अवैध खनन के मामले में उसका पोकलेन पकड़ा गया है तो इसी काम में लगे दूसरों के ट्रैक्टर, हाइवा आखिर क्यों चलने चाहिए। इस मामले को लेकर एक तरह इस इलाके में कलह जैसी स्थिति निर्मित हुई है। आशंका जताई जा रही है कि आर्थिक स्वार्थ की सिद्धि नहीं होने पर इलाके में कभी भी गंभीर घटनाएं हो सकती हैं।
सर्वमंगला नगर से लेकर ढपढप क्षेत्र में यही हरकतें
मीडिया रिपोट्र्स में बताया गया कि कई प्रकार की टॉस्क फोर्स के मैदान पर उतरने और निगरानी में जुटने के बावजूद अवैध खनन जैसे क्रियाकलाप बेखौफ चल रहे हैं। कोरबा के नजदीक सर्वमंगला नगर से लेकर बांकीमोंगरा के खोलार नाला, कटघोरा के ढपढप समेत अहिरन नदी के क्षेत्र से अवैध खनन का काम जोर-शोर से चल रहा है। इस तरह की गतिविधियों से न केवल नदियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है बल्कि एनजीटी के प्रतिबंध का माखौल उड़ाना भी जारी है।
Editor – Niraj Jaiswal
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