कोरबा जिले में रेत का अवैध खनन और कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर से लेकर गांव तक रेत माफिया बेखौफ होकर हसदेव नदी का दोहन कर रहे हैं, जबकि प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा। ताजा मामला करतला ब्लॉक के ग्राम पंचायत भैसामुड़ा और कटबीतला का है, जहां प्रतिबंधित अवधि में भी दिन-रात रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन जोरों पर है।
बिना डर के चल रहा अवैध खनन
जानकारी के अनुसार, भैसामुड़ा और कटबीतला में हसदेव नदी के किनारे रेत चोर बेखौफ होकर अवैध खनन कर रहे हैं। रात के अंधेरे के साथ-साथ दिन के उजाले में भी दर्जनों ट्रैक्टर और हाईवा के जरिए रेत का परिवहन किया जा रहा है। भैसामुड़ा पंचायत के जंगल साइड नदी किनारे विकास के नाम पर 15 हजार टन से अधिक रेत का अवैध भंडारण किया गया है, जिसे भारी वाहनों के जरिए ले जाया जा रहा है। न तो पुलिस और न ही खनिज विभाग इस पर लगाम लगा पा रहा है।
ग्रामीण सड़कों का बुरा हाल, आंदोलन की चेतावनी
बरसात के मौसम में भारी वाहनों के लगातार परिचालन से गांव की सड़कें कीचड़ में तब्दील हो गई हैं, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि अवैध रेत खनन पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। ग्रामीणों का कहना है कि रेत माफिया के मनमाने रवैये और प्रशासन की निष्क्रियता से उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
रेत के अवैध कारोबार पर प्रशासन की चुप्पी से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि खनिज विभाग और पुलिस तत्काल इस अवैध कारोबार पर रोक लगाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
यह मामला न केवल पर्यावरणीय नुकसान को दर्शाता है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही को भी उजागर करता है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मुद्दे पर कितनी गंभीरता दिखाता है और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करता है या नहीं।
Editor – Niraj Jaiswal
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