बीजापुर में नक्सलियों की कायराना करतूत, दो ग्रामीणों की बेरहमी से हत्या, सुकमा में आईईडी ब्लास्ट में एएसपी शहीद

बीजापुर। नक्सलियों ने बीजापुर जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र में एक बार फिर अपनी कायराना हरकत को अंजाम दिया है। 20-21 जुलाई 2025 की मध्यरात्रि को 4-5 अज्ञात नक्सलियों ने ग्राम छुटवाई निवासी कवासी जोगा (55 वर्ष) और बड़ा तर्रेम निवासी मंगलू कुरसम (50 वर्ष) की धारदार हथियारों से बेरहमी से हत्या कर दी। तर्रेम थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आगे की जानकारी जल्द साझा करने की बात कही है।

इसके अलावा, 19 जुलाई 2025 को बीजापुर के भोपालपटनम ब्लॉक के ग्राम कोण्डापडगु में नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर आईईडी विस्फोट में 16 वर्षीय नाबालिग कृष्णा गोटा गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना तब हुई जब कृष्णा जंगल में मवेशी चराने गया था। नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए यह आईईडी लगाया था। घायल नाबालिग को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा का इतिहास दशकों पुराना है। हाल के वर्षों में कई बड़े हमले हुए हैं, जिनमें सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों ने अपनी जान गंवाई। 9 जून 2025 को सुकमा में हुए आईईडी ब्लास्ट में एएसपी आकाशराव गिरपूंजे शहीद हो गए, जबकि एसडीओपी और टीआई गंभीर रूप से घायल हुए। अप्रैल 2021 में बीजापुर-सुकमा के तर्रेम जंगलों में 22 सुरक्षाकर्मी, 24 अप्रैल 2017 को सुकमा में 24 सीआरपीएफ जवान, और 6 अप्रैल 2010 को दंतेवाड़ा में 75 सीआरपीएफ जवान नक्सली हमलों में शहीद हुए। 25 मई 2013 को हुए सबसे बड़े नक्सली हमले में कांग्रेस के 25 नेता, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल और पूर्व राज्य मंत्री महेंद्र कर्मा शामिल थे, मारे गए थे।

नक्सली हिंसा के खिलाफ सुरक्षाबल लगातार कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन इन घटनाओं से क्षेत्र में सुरक्षा और शांति की चुनौती बरकरार है।