कोरबा में आरटीई के तहत निःशुल्क दाखिले का दूसरा चरण 1 जुलाई से, खाली सीटें भरने की कवायद

कोरबा, 26 जून 2025: शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत जिले में नर्सरी और कक्षा पहली में निःशुल्क दाखिले के लिए दूसरा चरण 1 जुलाई 2025 से शुरू होने जा रहा है। पहले चरण में कई सीटें खाली रह जाने के बाद अब शिक्षा विभाग ने इन सीटों को भरने के लिए नई प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। जटिल नियमों, मनपसंद स्कूलों की अनुपलब्धता और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण अभिभावकों का आरटीई के प्रति रुझान कम हुआ है।

आरटीई अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में प्रारंभिक कक्षाओं की 25 प्रतिशत सीटें बीपीएल वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित हैं। हालांकि, भौगोलिक सीमाओं के कारण बच्चों को केवल उनके क्षेत्र के स्कूलों में ही दाखिला मिल पाता है, जिससे अभिभावकों को मनपसंद स्कूल चुनने का विकल्प नहीं मिलता। इसके अलावा, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक माहौल के कारण अभिभावक इन स्कूलों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे आरटीई की सीटें खाली रह जा रही हैं।

दूसरा चरण: महत्वपूर्ण तिथियां

दूसरे चरण के लिए आवेदन प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू होकर 12 जुलाई तक चलेगी। इसके बाद 22 और 23 जुलाई को लॉटरी के माध्यम से चयनित बच्चों की सूची जारी की जाएगी। चयनित बच्चों को 31 जुलाई तक संबंधित स्कूलों में दाखिला लेना होगा। जिले के 300 निजी स्कूलों में कुल 1901 सीटें उपलब्ध हैं, जिनमें से पहले चरण में 7000 आवेदनों में से 1712 बच्चों को प्रवेश मिला, जबकि 189 सीटें खाली रह गईं।

आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज

आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन होंगे और अभिभावकों को शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से फॉर्म भरना होगा। आवेदन के लिए जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो जरूरी होंगे। पात्र बच्चों की उम्र 3.5 से 6.5 वर्ष के बीच होनी चाहिए। प्रवेश प्रक्रिया रायपुर से सॉफ्टवेयर के माध्यम से लॉटरी द्वारा पूरी की जाएगी।

चुनौतियां और समाधान की जरूरत

अभिभावकों का कहना है कि जटिल नियम और सीमित स्कूल विकल्पों के कारण वे आरटीई के तहत दाखिला लेने से हिचक रहे हैं। साथ ही, स्वामी आत्मानंद स्कूलों की लोकप्रियता ने भी इस योजना की मांग को प्रभावित किया है। शिक्षा विभाग से अपेक्षा है कि वह नियमों को और लचीला बनाए ताकि अधिक से अधिक बच्चे इस योजना का लाभ उठा सकें।

जिला शिक्षा विभाग ने अभिभावकों से अपील की है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और समय रहते आवेदन करें ताकि उनके बच्चों को निजी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा का मौका मिल सके।