सडक़ों पर बिखरे, जमे कोल डस्ट-राखड़-कीचड़ से बढ़ा खतरा

कोरबा। एसईसीएल की गेवरा परियोजना के अंतर्गत सडक़ों पर गिरे-बिखरे, ढेर पड़े, धूल, राखड़, कोल-डस्ट, कीचड़ को तत्काल सफाई करवाने, हटवाने की आवश्यकता है। जिला कोरबा में विभिन्न कोल कंपनी, कोल वॉशरी, पॉवर प्लांट, एनटीपीसी, एसईसीएल आदि निजी व शासकीय उद्योग संचालित हैं।

इनके संचालन हेतु कोरबा के विभिन्न मार्ग, सडक़ें जैसे कुसमुण्डा से कोरबा, कोरबा से चांपा, कोरबा से बाल्कोनगर-रूमगरा, कोरबा रिस्दी-उरगा (इस मार्ग पर अत्यंधिक राखड़ डस्ट), कोरबा से हरदीबाजार, दीपका से हरदीबाजार (इस मार्ग पर अत्यंधिक कोल डस्ट) दीपका से चाकाबुड़ा, दीपका से पाली, शक्तिनगर – विजयनगर बाई पास से दीपका, दीपका से पाली, आदि मार्ग पर भारी वाहनों के माध्यम से कोयला का परिवहन किया जा रहा है।

भारी वाहनों में अधिकांश, बिना तारपोलिन, आंशिक तारपोलिन, जर्जर भारी वाहनों में कोयला, राखड़ का परिवहन किया जाता है, जिससे सडक़ों पर कोल डस्ट, धूल, राखड़ एवं अन्य अपशिष्ट पदार्थ गिरे, बिखरे, ढेर पड़े, पोटी परत जमे हुए हैं। संबंधित विभाग द्वारा कभी-कहीं पानी छिडक़ाव करने से सडक़ कीचड़ में तब्दील हो जाता है।इसके कारण सडक़ दुर्घटना, चलने से खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी को अधिवक्ता एवं छत्तीसगढ़ मानव अधिकार के राज्य सचिव शिवचरण चौहान ने आवेदन देकर अवगत कराया है कि उक्त अपशिष्ट का उठाव (साफ-सफाई) नहीं होने से सडक़ व्यवस्था बिगड़ चुकी है। यहां तक कि रात्रिकाल में बिना तिरपाल के परिवहन होता है जिससे आसपास के आवासीय परिसर में कोल डस्ट उडक़र फैल जाता है।

तत्संबंध में विभिन्न विभागों में शिकायत किया जा चुका है परंतु आज दिनांक तक ठोस कदम उठाने की जानकारी संबंधित विभाग द्वारा नहीं दिया गया। जनहित में तत्काल कार्यवाही हेतु अपेक्षा श्री चौहान ने की है।