सीएम साय की घोषणा: छत्तीसगढ़ में उद्यमिता आयोग का होगा गठन

स्वदेशी जागरण मंच की अखिल भारतीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री

रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में उद्यमिता आयोग के गठन की घोषणा की है। यह आयोग राज्य में उद्यमशीलता की संस्कृति को मजबूत करेगा और रोजगार सृजन की संभावनाओं का अध्ययन करेगा। इसके तहत युवाओं के कौशल विकास और रोजगार प्रशिक्षण के लिए कार्य किया जाएगा।

मुख्यमंत्री साय ने यह घोषणा शनिवार को अग्रसेन धाम में स्वदेशी जागरण मंच की अखिल भारतीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए की। इस अवसर पर उन्होंने मंच की ऐतिहासिक यात्रा को समर्पित पुस्तक “स्वदेशी की विकास यात्रा” का विमोचन भी किया।

स्वदेशी अपनाना विकसित भारत की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि “विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत @2047” के निर्माण के लिए हमें स्वदेशी को आत्मसात करना होगा। उन्होंने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच हमेशा से आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने की वकालत करता रहा है।

सीएम साय ने कहा कि भारत एक विशाल और संपन्न देश है। यहाँ प्रचुर प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं, और साथ ही हमारे पास विश्व की सबसे बड़ी युवा आबादी है। यह हमें न केवल एक विशाल उपभोक्ता बाजार प्रदान करता है, बल्कि नवाचार और औद्योगिकीकरण के लिए भी असीम संभावनाएँ खोलता है।

उन्होंने वैश्विक परिदृश्य में आ रहे बदलावों की ओर भी ध्यान दिलाया और कहा कि वैश्विक व्यवस्था में आ रहे परिवर्तनों को देखते हुए स्वदेशी जागरण मंच जैसी राष्ट्रीय संस्थाओं की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।

मेक इन इंडिया से आत्मनिर्भर भारत की ओर
मुख्यमंत्री ने कहा कि “मेक इन इंडिया” अभियान ने भारत में स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को संरक्षण और समर्थन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि आज भारत लगभग हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुका है। हमने अपने उद्योगपतियों को प्रोत्साहित किया, उन्हें आवश्यक सुविधाएँ दीं और इसका परिणाम यह हुआ कि हम अब न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक बाजार में भी मजबूती से उभर रहे हैं।

बस्तर क्षेत्र में स्वदेशी उद्योगों को मिलेगा बढ़ावाhttps://googleads.g.doubleclick.net/pagead/ads?gdpr=0&us_privacy=1—&gpp_sid=-1&client=ca-pub-9671672903663373&output=html&h=300&adk=3906792614&adf=1621775776&pi=t.aa~a.2327102991~i.23~rp.1&w=360&abgtt=6&lmt=1741526295&num_ads=1&rafmt=1&armr=3&sem=mc&pwprc=2063547163&ad_type=text_image&format=360×300&url=https%3A%2F%2Fvisionnewsservice.in%2Fsingle-page%2F121942&fwr=1&pra=3&rh=275&rw=330&rpe=1&resp_fmts=3&sfro=1&wgl=1&fa=27&uach=WyJBbmRyb2lkIiwiMTMuMC4wIiwiIiwiQ1BIMjM3MyIsIjEzMy4wLjY5NDMuMTM3IixudWxsLDEsbnVsbCwiIixbWyJOb3QoQTpCcmFuZCIsIjk5LjAuMC4wIl0sWyJHb29nbGUgQ2hyb21lIiwiMTMzLjAuNjk0My4xMzciXSxbIkNocm9taXVtIiwiMTMzLjAuNjk0My4xMzciXV0sMF0.&dt=1741526295225&bpp=14&bdt=1299&idt=-M&shv=r20250305&mjsv=m202503040101&ptt=9&saldr=aa&abxe=1&cookie=ID%3D0ab282524e7e4ca7%3AT%3D1735016316%3ART%3D1741526189%3AS%3DALNI_MYDS-xWGbJg993GEhBElBxYTwOAZA&gpic=UID%3D00000fb537b354e1%3AT%3D1735016316%3ART%3D1741526189%3AS%3DALNI_MYqG8IYKWRqYv5aysn5viGr9vDwNw&eo_id_str=ID%3D1ab888dc52f77621%3AT%3D1735016316%3ART%3D1741526189%3AS%3DAA-AfjY0P7Y9o_7hD-e3MnPw-QVP&prev_fmts=0x0%2C360x300%2C360x300%2C360x300%2C360x300&nras=6&correlator=7757725169299&frm=20&pv=1&u_tz=330&u_his=7&u_h=804&u_w=360&u_ah=804&u_aw=360&u_cd=24&u_sd=3&dmc=4&adx=0&ady=3341&biw=360&bih=665&scr_x=0&scr_y=333&eid=42531706%2C95354310%2C95354322%2C95354338%2C31090357%2C95353781&oid=2&pvsid=516875045310675&tmod=737966606&uas=0&nvt=1&ref=https%3A%2F%2Fvisionnewsservice.in%2Fcategory.php%3Fpageno%3D2&fc=1408&brdim=0%2C0%2C0%2C0%2C360%2C0%2C360%2C665%2C360%2C665&vis=1&rsz=%7C%7Cs%7C&abl=NS&fu=128&bc=31&bz=1&td=1&tdf=2&psd=W251bGwsbnVsbCxudWxsLDNd&nt=1&ifi=6&uci=a!6&btvi=4&fsb=1&dtd=264
मुख्यमंत्री साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और विकास के लिए स्वदेशी जागरण मंच की सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नई नीतियों और सुरक्षा बलों के प्रभावी प्रयासों के कारण नक्सलवाद अब बहुत सीमित क्षेत्र में सिमट गया है। अब समय आ गया है कि स्वदेशी जागरण मंच के सहयोग से इन क्षेत्रों में उद्योग-धंधे स्थापित किए जाएँ, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले और वे नक्सलवाद की ओर न जाने पाएं।

नई औद्योगिक नीति: रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति को प्रदेश की प्राकृतिक संपदा और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया गया है। इस नीति में रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है ताकि उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाया जा सके। स्थानीय संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।

उद्यमिता को मिलेगा बढ़ावा, श्रेष्ठ उद्यमियों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में सफल उद्यमियों को “उद्यमिता प्रोत्साहन पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि युवा और नवाचार आधारित स्टार्टअप्स को सरकार हर संभव सहायता देगी। बैठक में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक आर. सुंदरम, अखिल भारतीय संगठक कश्मीरी लाल, छत्तीसगढ़ प्रांत संयोजक जगदीश पटेल, देश के प्रतिष्ठित उद्यमी, प्रोफेसर, कुलपति, आर्थिक विशेषज्ञ और स्वदेशी जागरण मंच तथा स्वावलंबी भारत अभियान के पदाधिकारी उपस्थित थे।