कोरबा। जिले में एसईसीएल प्रबंधन की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। आज गेवरा खदान में कोयला खनन के कारण विस्थापित हुए ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल के कारण खदान में काम काज ठप हो गया है।
विस्थापित ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें विस्थापन के बाद भी उचित मुआवजा और रोजगार नहीं मिला है। उन्होंने प्रबंधन से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की है, लेकिन प्रबंधन ने उनकी मांगों को अनसुना कर दिया है।
हड़ताल के नेता दिनेश साहू ने बताया कि विस्थापित ग्रामीणों को वैकल्पिक रोजगार, मुआवजा, और अन्य सुविधाएं नहीं मिली हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताल जारी रहेगी जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। प्रबंधन ने हड़तालियों को चेतावनी दी है कि अगर वे हड़ताल खत्म नहीं करते हैं तो उन पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
लेकिन हड़ताली ग्रामीणों ने कहा है कि वे अपने अधिकारों के लिए लडऩे को तैयार हैं और उन्हें एफआईआर की चिंता नहीं है। इस हड़ताल के कारण खदान में काम काज ठप हो गया है और कोयला उत्पादन प्रभावित हो रहा है। प्रबंधन और हड़ताली ग्रामीणों के बीच बातचीत जारी है, लेकिन अभी तक कोई समझौता नहीं हो पाया है।
Editor – Niraj Jaiswal
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