छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हाथियों का आतंक जारी है, हाथियों का झुंड भोजन की तलाश में जंगलों से निकल कर ग्रामीण इलाकों में आने लगे है, वहीं राजिम में भी दंतैल हाथी के आतंक से ग्रामीण दहशत में है, यहां ग्राम तौरेंगा वा पचपेड़ी में दंतैल हाथी के घुसने से लोग चैन की नींद नहीं सो पा रहे है। वहीं गांव के ही ग्रामीण मेघु राम साहू के घर दंतैल हाथी ने धावा बोल दिया और पुरे मकान को तहस नहस कर घर में रखे धान की बोरी को निकालकर अपना भोजन बनाया, इसके साथ ही सांकरा स्थित राइस मिल के गेट को भी किया तोड़ने का प्रयास किया।
दंतैल हाथी के आतंक के चलते ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर है। वन विभाग भी दंतैल हाथी की निगरानी कर रहा है।
गरियाबंद जिला मुख्यालय पहुंचने वाले नेशनल हाईवे 130 पर गुरुवार सुबह एक नर दंतेल हाथी me3 पार कर पैरी नदी के किनारे धमतरी जिले के बॉर्डर पर इस समय मौजूद है। जो बीते 3 दिनों से वन परिक्षेत्र पांडुका के मुरमुरा बीट ,सांकरा बीट में मौजूद था। यह नर हाथी अपने दादागिरी से पूरे अंचल को दहशत में डाल रखा है। बीते 3 दिन मुरमुरा के जंगल मेंरुके और तीन गांव में घुसकर लगभग पांच घर के दरवाजे और दीवालो को तोडा है। साथ ही ग्रामीणों के द्वारा रखे हुए उनके धान एवं चावल को भी खा गया और तो और बीती रात सांकरा वा तौरंगा ग्राम के बीच में स्थित एक राइस मिल के दरवाजा पर भी तोड़ने का कोशिश किया बार-बार चिल्लाने एवं भगाने की वजह से हालांकि राइस मिल के दरवाजे को तोड़ने में सफल नहीं हुआ ।
जिसका वीडियो राइस मिल के संचालकों ने ऊपर छत से बनाया था जो इन दिनों आंचल में वायरल हो रहा है। फिर सीधा जतमई मार्ग होते हुए। तौरेगा गांव में घुसा और ग्रामीण तेजु साहू के दरवाजे को तोड़ा और गांव की गलियों में रात को बीच चौक होते हुए अंतिम छोर पर ईश्वर साहू के घर में घुसकर एक बोरी धान को खाया और उधर से निकलते हुए पचपेड़ी गांव पहुंचकर ग्रामीणों विश्राम साहू और खोवा राम साहू के घर को क्षति पहुंचाया है।
इसी तरह ग्राम खदराही में पहले संतराम के घर वा दीवाल को नुकसान पहुंचा है।घटना स्थल पर पाण्डुका परिक्षेत्र कार्यालय के डिप्टी रेंजर सहित संबंधित बिट के बिटगार्ड मौके पर पहुंच कर क्षतिपूर्ति का मुआयाना कर किसानों की क्षतिपूर्ति का प्रकरण बनाकर संबंधित विभाग को सौंपने की बात कही बता दे की ये नर हाथी बहुत ही खतरनाक है जो आतंक का पर्याय बना हुआ है जिसका मुख्य कारण जंगलों में फलदार पेड़ पौधे की कमी वन अधिकार पट्टा के कारण जंगलों का सत्यानाश होना मुख्य वजह है ।
अपने प्राकृतिक निवास में हो रहे अतिक्रमण के वजह से ही यह हाथी दूसरे जिले से पहुंच गए हैं।जो पिछले कुछ सालों से गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर पांडुका परीक्षेत्र डेरा जमाया है।तथा जिले के मैनपुर ,गरियाबंद परीक्षेत्र में भी हाथियों के एक अन्य दल मौजूद है जबकि ये 3 नर दंतेल चंदा दल का एक सदस्य है।
जो पिछले कुछ सालों से अकेले घूम रहे हैं जिस वजह से ये काफी खतरनाक है महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी होते हुए इसका आना और जाना का कोई समय तिथि नहीं है।अपनी मनमर्जी से पूरे दादागिरी से ये स्वच्छंद आतंक मचाता हुआ तीनों जिलों में घूमते रहता है। किसी भी तरह की जनहानि से बचने के लिए वन विभाग,और हाथी मित्र दल लगातार इसके हर मूवमेंट पर नजर बनाए हुए रहते हैं।
Editor – Niraj Jaiswal
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