
कोरबा: शहर से दूर वनांचल क्षेत्रों में मुश्किलें बड़ी जल्दी जल्दी तो आती हैं पर राहत की जुगत काफी देर से हो पाती हैं। कुछ इसी तरह की परेशानी से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लेमरू का चिकित्सा स्टाफ और क्षेत्र के ग्रामीण गुजर रहे हैं। यहां मतदान के दिन से बिजली गुल हो गई। बुधवार की रात तक बिजली नहीं आई थी। सूचना के बाद भी बिजली कंपनी की ओर से तात्कालिक सहयोग नहीं किया जा सका।
नतीजा ये कि प्रसव का एक केस स्वास्थ्य कर्मियों को अपने मोबाइल फोन के टार्च की रोशनी में निपटाना पड़ा।प्रसव के बाद जच्चा बच्चा स्वस्थ हैं। प्रसव के बाद इलाज के लिए कतार में खड़े अन्य मरीज भी अपनी पारी का इंतजार करते रहे। चोट से बेहाल एक बच्चे की मरहम पट्टी समेत अन्य उपचार भी इसी तरह मोबाइल टार्च के सहारे लिया गया। अस्पताल में सौर पैनल तो लगा है लेकिन अक्सर रात होते ही यह काम करना बंद कर देता है।
यह पहला मौका नहीं है जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या ग्राम लेमरू समेत इस क्षेत्र में बिजली बाधित होने की परेशानी निर्मित हुई है। ऐसा कई बार हो चुका है जब मरीजों का इलाज और प्रसव कैसे आपात मामले में भी स्वास्थ्य कर्मियों को अपने मोबाइल टार्च या मोमबत्ती की रौशनी के सहारे चिकित्सा संबंधी सेवाएं जारी रखने का प्रबंध करना पड़ता है।
इसके बाद भी बिजली विभाग की ओर से स्थाई रूप से निराकरण की पहल नहीं की जा रही है। इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं और वनांचल के ग्रामीणों के उपचार पर पड़ रहा है।
रात दस बजे घुस आया विषैला सर्प
अस्पताल में समस्याओं की कोई कमी नहीं है। अंधेरे का सामना करते हुए टार्च रोशनी में लोगों का इलाज करने के बाद स्टाफ के सदस्य राहत की सांस ले रहे थे। इतने में ही रात करीब साढ़े दस बजे अस्पताल के नर्सिंग स्टेशन के रूम नंबर 12 में एक जहरीले सांप घुस आने से स्टाफ और मरीजों में हड़कंप मच गया। स्टाफ ने साहस बटोरकर किसी तरह सांप को बाहर निकाला।
Editor – Niraj Jaiswal
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